ममता :
आशा, तुम अपनी सहेली नेहा की शादी के लिए नई साड़ी लेने को कह रही थीं ?

आशा :
ओह, मैं एकदम भूल गई थी ।

कानाए :
आप कैसी साड़ी लेंगी ?

ममता :
अच्छा, तो आज शाम को हम साथ-साथ साड़ी खरीदने चलेंगे ।

कानाए :
अच्छा !

दुकानदार :
आइए बहनजी, आपको क्या दिखाऊँ ?

ममता :
इनको शादी में पहनने के लिए सुन्दर साड़ी दिखाइए ।

दुकानदार :
यह देखिए ।

आशा :
इस रंग की साड़ी तो मेरे पास है ।

किसी और रंग में दिखाइए ।

दुकानदार :
यह लीजिए, लाल रंग में देखिए ।

यह डिज़ाइन आजकल बहुत चल रहा है ।

ममता :
तुम्हें जो भी पसन्द हो वह बता दो ।

आशा :
हूँ ... यह अच्छी लग रही है ।

क्या इसमें ब्लाउज़ है?

दुकानदार :
जी हाँ !

बिल्कुल है ।

ब्लाउज़ की आस्तीन पर भी यह बॉडर आएगा ।

ममता :
अच्छा, दाम तो बताइए साड़ी का ।

दुकानदार :
यह साड़ी तो आपको 2600 रुपए पड़ेगी और ब्लाउज़ की सिलाई के 150 रुपए हुए ।

कुल मिलाकर आपके 2750 रुपए हुए ।

ममता :
2600 रुपए में तो यह साड़ी महंगी है ।

अब पसन्द आ गई है तो ले ही लूँगी ।

आप सही क़ीमत बताइए ।

मैं ब्लाउज़ की सिलाई के साथ 2500 रुपए दूँगी ।

दुकानदार :
नहीं बहनजी, इतना कम तो नहीं हो सकता ।

जो रेट लिखे हैं वही लेंगे आपसे ।

मैंने तो सही दाम ही बताया है ।

तो फिर आप कुल मिलाकर 2700 रुपए दे दीजिए ।

ममता :
अब 2600 रुपए ही ठीक है ।

ज़्यादा फ़र्क़ नहीं है ।

नहीं तो रहने दीजिए ।

दुकानदार :
बहनजी, देखिए बोहनी का टाइम है अब क्या ग्राहक को जाने दूँ ।

बस इसलिए आपको दे रहा हूँ ।

नहीं तो 2700 रुपए से एक पैसा कम नहीं लेता ।

ममता :
धन्यवाद ।

कानाए, क्या देख रही हैं ?

कानाए :
मुझे यह पसंद आई लेकिन यहाँ ज़रा मैला है ।

दुकानदार :
कोई बात नहीं ।

पहनने पर यहाँ दिखाई नहीं देगा ।

कानाए :
यह तो है, लेकिन जो नहीं जँचता उसपर पैसा ख़र्च करना मुझे पसंद नहीं है ।

दुकानदार :
अच्छा !

इसका भी कुछ कम कर देता हूँ ।

कानाए :
धन्यवाद ।

फिर तो यह लेती हूँ ।

आशा :
कानाए, क्या यह जापानी तरीक़ा है ?