कानाए :
हेलो मीरा, मैं कानाए बोल रही हूँ ।

मीरा :
हेलो, कानाए !

कहिए, मुझसे क्या काम है ?

कानाए :
दरअसल मुझे कल सेंट्रल लाइब्रेरी जाना है ।

मैंने सुना है कि आप वहाँ काम करती हैं ।

मैं वहाँ कैसे पहुँच सकती हूँ ?

मीरा :
अच्छा, मेट्रो से दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टेशन पर उतर जाइए ।

स्टेशन से निकलकर दाईं ओर मुड़ना है ।

वहाँ से कोई भी रिक्शा आपको दस रुपए में पहुँचा देगा ।

वहाँ सभी रिक्शे वालों को यह जगह मालूम है ।

ठीक है ?

कानाए :
जी हाँ, धन्यवाद ।

कानाए :
नमस्कार ।

मीरा :
नमस्कार ।

कानाए :
मैं आपसे इस लाइब्रेरी की व्यवस्था के बारे में कुछ पूछना चाहती हूँ ।

मीरा :
कहिए, मैं आपकी क्या मदद कर सकती हूँ ?

कानाए :
मुझे हिन्दी साहित्य पर कुछ किताबें चाहिए ।

मीरा :
वहाँ उस कम्प्यूटर में आप किताब ढूँढ़ सकती हैं ।

कानाए :
वह मैं इंटरनेट से खोजकर आई हूँ ।

इस विषय पर लिखी हुई किताबें कहाँ मिलेंगी ?

मीरा :
हिन्दी की किताबें पहली मंज़िल पर रखी हैं, स्टैक नम्बर 6 ।

कानाए :
तब वहाँ से किताब कैसै निकलवा सकती हूँ ?

मीरा :
निकलवाना ?

इससे आपका क्या मतलब है ?

कानाए :
क्या मुझे किसी कर्मचारी से किताब निकलवानी चाहिए ?

मीरा :
जी नहीं ।

आप स्वयं जाकर स्टैक से किताब निकाल लीजिए ।

कानाए :
अच्छा, मैं समझ गई ।

क्या मैं अपना बैग लेकर अंदर जा सकती हूँ ?

मीरा :
विद्यार्थियों के लिए लॉकर बना है ।

इस में बैग रखकर अंदर जाइए ।

हम शनिवार को आठ बजे बंद करते हैं ।

इसका भी ध्यान रखिएगा ।

कानाए :
बहुत अच्छा, आपका धन्यवाद ।