आशा :
यह भी लो ।

ममता :
कानाए, आपको भारत कैसा लगता है ?

आशा :
ख़तरनाक है न ?

कानाए तो बहुत डरपोक हैं ...

ममता :
तुम ज़रा चुप रहो ।

कानाए, आप बताइए ।

कानाए :
सच पूछिए, तो मुझे भीड़ अच्छी नहीं लगती ।

और शोर भी ...

लेकिन घर में आराम मिलता है ।

और इस घर की सजावट भी बहुत सुंदर है ।

ममता :
धन्यावाद ।

आशा :
माँ, कानाए को भारतीय साहित्य में रुचि है ।

ममता :
क्या आप इसलिए हिंदी पढ़ती हैं ?

कानाए :
जी हाँ ।

मेरी बहन भी हिंदी पढ़ती हैं ।

आशा :
वे तो इतिहास का अध्ययन करती हैं ।

ममता :
अरे, यह तो बहुत अच्छा है ।

आपके परिवार में कितने सदस्य हैं ?

कानाए :
माता-पिता जी, बड़ी बहन, बड़े भाई, छोटी बहन और मैं ।

सब लोग ओसाका में रहते हैं ।

ममता :
आपके भाई साहब की उम्र क्या है ?

वे क्या काम करते हैं ?

आशा :
वे तो डॉक्टर हैं ।

वे कानाए से दो साल बड़े हैं ।

कानाए :
आप तो अच्छी तरह जानती हैं ।

अब आपके पिता जी कहाँ हैं ?

ममता :
वे अभी दफ़्तर में हैं ।

आशा :
आजकल वे बहुत व्यस्त हैं ।

लेकिन हाँ, उन्हें भी तुम्हारे बारे में मालूम है ।